जगन्नाथ जी हर साल 15 दिन के लिए। क्यों पड़ते हैं। बीमार जानें क्या है इसके पीछे की कहानी
अश्वनी नगर श्री जगनन्नाथ मंदिर दोपहर 3 बजे पधारे देव् स्न्नान कार्यक्रम में
2023 रथयात्रा पुरी में जगन्नाथ जी उनके भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा बीमार है। प्राचीन परंपरा के अनुसार अब वो 15 दिन तक आराम करेंगे। भगवान का स्वास्थ्य बिगड़े होने के चलते मंदिर में भक्तों प्रवेश बंद कर दिया जाता है।केवल पुजारी और वैद्य जी को ही इजाजत है। प्रक्रिया हर साल होती है।
और फिर आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथयात्रा पर भगवान भ्रमण के लिए। निकलते हैं।इस साल रथयात्रा 20 जून आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि दिन मंगलवार को निकलेगी। क्या आप जानते हैं। भगवान जगन्नाथ हर साल क्यों बीमार हो जाते हैं। आईये इस सवाल का जवाब आपको बताते हैं।जब बीमार हुए। जगन्नाथ के परम भक्त ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर 108 घड़ों से देव स्नान करने के बाद। से बीमार हो जाते हैं। लेकिन पौराणिक कथा के अनुसार इसका दुसरा पहलू हैं। उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ के एक परम भक्त थे। जिनके नाम था।माधव दास वो प्रतिदिन जगन्नाथ जी की भक्ति भाव से आराधना करते थे। एक बार माधव दास को अतिसार (उल्टी _ दस्त) का रोग हो गया।वह इतना दुर्बल हो गया कि हलने चलने में मुश्किल हो गया। लेकिन क्षमता अनुसार अपना कार्य स्वयं करते रहे।किसी की सेवा नहीं ली
स्वयं भगवान ने की ऐसे सेवा
माधव दास का रोग जब और गंभीर होता गया।तो वो उठने बैठने में भी असमर्थ हो गया।तब जगन्नाथ जी स्वयं सेवक बनकर उनके घर पहुंचे। और माधव दास जी कि सेवा करने लगे।जब माधव दास जी को होश आया तब उन्होंने तुरंत पहचान लिया।कि यह तो मेरे प्रभु ही हैं।तब उन्होंने कहा प्रभु आप तो त्रिभुवन के स्वामी हो। आप मेरी सेवा कर रहे हैं। आप चाहते तो मेरा ये रोग को दूर कर सकते थे।रोग दूर कर देते तो ये सब करना नहीं पड़ता। इसलिए हर साल बीमार हो जाते हैं। जगन्नाथ जी बोले मुझसे अपनी भक्तों की पीड़ा नहीं देखी जाती हैं। इसलिए सेवा कर रहा हूं।जो प्रारब्ध होता है।उसे भोगना ही पड़ता है। लेकिन अब तुम्हारे प्रारब्ध में जो 15 दिन का रोग और बचा है।उसे मैं स्वयं ले रहा हूं।यही कारण है कि आज भी हर साल भगवान जगन्नाथ जी शाही स्नान के बाद बीमार पड़ते हैं।
अश्वनी नगर श्री जगनन्नाथ मंदिर दोपहर 3 बजे पधारे देव् स्न्नान कार्यक्रम में