रायगढ़। अमृत मिशन के बिल से अब तक आम जनता परेशान थी। जलापूर्ति ठीक से शुरू नहीं हुई है कि नगर निगम ने लोगों के घरों में बिल आना शुरू कर दिया है मगर आज तो हद ही हो गई। नगर निगम के जल विभाग ने किसी आमजनता को नहीं बल्कि संकट मोचन भगवान बजरंग बली के नाम से ही बिल जारी कर दिया है। इसको लेकर शहर में बवाल मच गया है और शहर सरकार सीधे तौर पर भाजपा के निशाने पर आ गयी है। बीजेपी ने इसे नगर निगम के इस कृत्य को आम जनमानस के धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करार दिया है और गुरूवार को नगर निगम का घेराव करने का ऐलान कर दिया है।
सरकारी महकमों में किस तरह आंख मूंद कर कार्य किया जाता है, इसके कई मामले उजागर हो चुके हैं। कुछ माह पहले ही रायगढ़ एसडीएम कार्यालय से कौहाकुंडा में मंदिर से कब्जा हटाने के लिए भगवान भोले शंकर के नाम से वारंट जारी कर दिया गया था जिसको लेकर भारी बवाल मचा था तो वहीं अब नगर निगम ने भी ऐसा ही एक कारनामा कर दिखाया है। नगर निगम के जल विभाग ने बजरंग बली मंदिर के नल कनेक्शन के बिल वसूली के लिए किसी और के नाम से नहीं बल्कि खुद बजरंग बली के नाम से बिल जारी कर दिया है। यह मामला कहीं और क्षेत्र का नहीं है बल्कि नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष श्रीमती पूनम सोलंकी के वार्ड नंबर १८ दरोगा पारा का है। जाहिर सी बात है कि मामला सामने आने के बाद भाजपा के पार्षद और नेता इसे लेकर शहर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है।
दरअसल, दरोगापारा में स्थित बजरंग बली मंदिर में लोगों की मांग पर सार्वजनिक नल कनेक्शन दिया गया है। यह किसी व्यक्ति विशेष के नाम से नहीं है बल्कि मंदिर के नाम से है मगर नगर निगम के जल विभाग ने अमृत मिशन के माह फरवरी-मार्च का २०० रुपये का बिल बनाकर बजरंग बली के नाम से भेज दिया हैै। इधर, बजरंग बली के नाम से अमृत मिशन का बिल जारी होने के बाद शहर में मचे बवाल के बाद नगर निगम आयुक्त ने गलती को स्वीकार किया है और बिल को न सिर्फ शून्य घोषित कर दिया है बल्कि बिल देयक वितरक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। आयुक्त ने कलेक्टर को पत्र लिखकर पूरी स्थिति स्पष्ट की है जिसमें बताया गया है कि वार्ड नं. १८ माल गोदाम रोड पर निर्मित बजरंग बली मंदिर मेें स्थानीय आमजनता की मांग पर नल कनेक्शन दिया गया था ताकि आये हुए आगंतुकों को पानी की उपलब्धता हो सके।
सार्वजनिक परिसर में दिये गए कनेक्शन को किसी भी व्यक्ति विशेष के नाम से नाम से नल कनेक्शन नहीं दिए गए हैं अपितु उक्त सार्वजनिक स्थलों के नाम से दिए गए हैं। वितरित जलकर की रसीद जो बजरंग बली के नाम से त्रुटिवश जारी हो गया है जिसका निकाय ने बिल भुगतान देयक शुल्क शून्य करते हुए बिल को निरस्त करने की कार्रवाई कर दिया गया है। साथ ही अभियाचन बिल देयक वितरक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह केवल कार्य एजेंसी के द्वारा वार्डों में लगाये गए कनेक्शन की के लिए स्थल की पहचान के लिए फार्म में लैंडमार्क के रूप में बजरंग बली मंदिर दर्ज किया गया था। कम्प्यूटरीकृत सूची में लिस्ट अटैच करते समय नल कनेक्शन के नाम पर देयक जारी हो गया है जिसे निरस्त कर दिया गया है।
बीजेपी ने किया नगर निगम दफ्तर के घेराव का ऐलान
मामला सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद शहर सरकार अब बीजेपी के निशाने पर आ गयी है और नगर निगम की राजनीति में उफान आ गया है। चूंकि मामला धार्मिक आस्था और भावनाओं से जुड़ा हुआ है ऐसे में भाजपा ने अपने तेवर भी आक्रामक कर लिए हैं। भाजपा इसे लेकर शहर सरकार व निगम प्रशासन दोनों को घेरने की रणनीति बना चुकी है जिसके लिए भाजपा कार्यालय में सभी पार्षदों की आपात बैठक आयोजित कर गुरूवार को नगर निगम का घेराव करने और शव यात्रा निकालने की तैयारी कर ली है।
कनेक्शन पूरे नहीं लेकिन बिल जारी
शहर के कई हिस्सों में अमृत मिशन की पाईप लाईन में गड़बड़ी है। कई हिस्सों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। आए दिन निगम के कर्मचारियों का लोगों से विवाद हो रहा है। ऐसे में निगम अपनी कमियों को दूर करने की बजाए बिल बांटने में ही फोकस कर रही है।
क्या कहते हैं आलोक
इस मामले में भाजपा नेता आलोक सिंह ने कहा है कि इस नोटिस से कांग्रेस का कुत्सित चाल चेहरा और चरित्र एक बार फिर उजागर हुआ है। कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं अपने आचरण से यह बार-बार सिद्ध किया है कि उनकी हिंदू धर्म, हिंदू देवी-देवताओं में कोई आस्था नहीं है। दस जनपथ के खासमखास और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पिछले 4 वर्षों में छत्तीसगढ़ में सनातनियों आस्था के प्रतीकों और मान्यताओं का बार आहत करने का प्रयास किया है। भगवान राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाली और श्री राम सेतु को तूड़वाने का कुत्सित प्रयास करने वाली कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ कर वोट के ध्रुवीकरण के प्रयास में है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।
क्या कहते हैं उमेश
भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने इस मामले पर पूरी सरकार को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस हिंदू देवी देवताओं के अपमान करने की मानसिकता से बाज आए अन्यथा हिंदुओ का विरोध झेलने के लिए तैयार रहे इसके पहले भगवान शिव को नोटिस जारी कर तहसील कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया। इस बार निगम प्रशासन हमारे आराध्य बजरंग बली को ना केवल नोटिस दिया गया बल्कि आराध्य बजरंग बली के नाम के सामने श्रीमती लगाया गया और पति के स्थान में मंदिर दर्शाया गया। इसके पहले कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी राम सेतु के अस्तित्व को लेकर सवाल उठा चुकी। भाजपा हिंदू देवी-देवताओं के ऐसे अपमान को कतई स्वीकार्य नहीं करेगी।