Tuesday, December 17, 2024

पं. प्रदीप मिश्रा पहुंचे बरसाना, राधारानी मंदिर में नाक रगड़कर मांगी माफी, लोगों ने खींचे कपड़े, पुलिस ने बचाई जान

सिर धड़ से अलग करने की मिली थी चेतावनी

राधा रानी वाले बयान पर उठे विवाद के 20 दिन बाद आखिरकार पंडित प्रदीप मिश्रा बरसाना पहुंचे और राधारानी मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी। इसके लिए वे 28 जून की रात को अचानक सीहोर से दिल्ली रवाना हुए। 29 जून सुबह दिल्ली पहुंचे। यहां उनकी ब्रज धाम के कुछ संतों से चर्चा हुई। इसके बाद वे सीधे 11 बजे बरसाना में राधा रानी के मंदिर में पहुंचे।

इस दौरान मंदिर में भीड़ थी। पंडित मिश्रा से यहां धक्का-मुक्की भी हुई। उनके अंगवस्त्र खींचे गए। वीडियो में भक्त ये कहते हुए सुने जा सकते हैं कि नाक रगड़वाओ, कान पकड़वाओ…। इस घटनाक्रम के दौरान पंडित मिश्रा असहज दिखे।

मंदिर से बाहर निकलकर प्रदीप मिश्रा ने मीडिया से बोले कि लाड़ली जी ने खुद ही इशारा कर मुझे बुलाया है। इसलिए मुझे यहां आना पड़ा। मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए माफी मांगता हूं।

दरअसल पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं।

10 जून को प्रेमानंद जी महाराज ने प्रदीप मिश्रा को जवाब दिया। कहा- लाड़ली जी के बारे में तुम्हें पता ही क्या है? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती। जिसका पलटवार करते हुए पं. मिश्रा ने कहा- कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में बदनाम करना चाहते हैं।

पंडित प्रदीप मिश्रा के रुख को देखते हुए 24 जून को बरसाना में साधु-संत, धर्माचार्य और ब्रज के लोगों की महापंचायत हुई। इसमें आए लोगों ने कहा- प्रदीप मिश्रा ने खुद में बदलाव नहीं किया, तो ब्रज में पैर रखते ही उनका सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा। वो राधा रानी के चरणों में आकर नाक रगड़ें और माफी मांगें।

महापंचायत में 7 संगठनों के लोग शामिल हुए। ब्रज के धर्माचार्यों ने प्रदीप मिश्रा को शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती दी। पंडित प्रदीप मिश्रा को बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आए। 25 जून को महापंचायत का फैसला लेकर सीहोर पहुंच गए, लोगो का गुस्सा देख प्रदीप मिश्रा ने गलती स्वीकारी और बरसाना जाकर माफी मांगने की बात कबूल ली।

आप की राय

How Is My Site?
Latest news
Related news