रायपुर . संजीवनी 108/102 कर्मचारियो की मांगों व समस्याओं के निराकरण हेतु आवेदन, माननीय यशस्वी मुख्यमंत्री, एंबुलेंस सेवा प्रदाता ठेका कंपनियों सहित स्वास्थ्य विभाग एवं शासन-प्रशासन के समक्ष विगत कई वर्षों से करते आ रहे हैं। लेकिन हमारी समस्याओं का कोई निराकरण नहीं हो पा रहा है।
2019 में 108 संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवा का टेंडर जय अंबे इमरजेंसी सर्विस रायपुर को दे दिया गया जो कोल परिवहन का कार्य करती है। उक्त ठेका कंपनी पर गलत तथ्यों के आधार पर ठेका पाने का आरोप लगा था, मामला ईओडब्ल्यू तक पहुंचा। स्वास्थ्य विभाग भी जांच में गलत तथ्यों की पुष्टि की लेकिन आज तक उक्त ठेका कंपनी पर किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं होना, ठेका कंपनी पर जिम्मेदार लोगों का संरक्ष और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। जय अंबे इमरजेंसी सर्विस ठेका कंपनी द्वारा न तो कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलता है और नहीं 2018 से 2023 तक वेतन वृद्धि का लाभ • मिला है।
कर्मचारियों से 12-15 घंटे काम दिया जा रहा है और किसी भी प्रकार का अतिरिक्त राशि नहीं दिया जा रहा। एंबुलेंस मैं जीवन रक्षक आवश्यक उपकरण, दवाइयां एवं ऑक्सीजन की भी व्यवस्था नहीं रहती। टेंडर में उल्लेख है कि 2.5 लाख किलोमीटर सेकिलोमीटर चल जाने पर नई एंबुलेंस से सेवा का संचालन किया जाएगा लेकिन 2.5 लाख किलोमीटर से अधिक चलने के बाद भी एंबुलेंस सड़कों पर दौड़ रही है। एंबुलेंस का निर्धारण 8 से 10 हजार किलोमीटर चलने पर भी सर्विसिंग नहीं होता 20-25 हजार किलोमीटर चलने पर सर्विसिंग कराया जाता है जिससे एंबुलेंस समय पूर्व जर्जर हो चुकी है।
एंबुलेंस खराब होने पर कर्मचारियों से भी राशि वसूल की जाती है। कर्मचारियों को अकारण रायपुर बुलाकर परेशान किया जाता है। कर्मचारी डर भय युक्त माहौल में नौकरी करने पर विवश है। इस समस्याओं का शिकायत लगातार शासन- प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पास किया गया लेकिन वहीं से भी समाधान होता नजर नहीं आ रहा। उक्त ठेका कंपनी ने 108 संजीवनी एक्सप्रेस की गुणवत्ता और कर्मचारियों की कार्य क्षमता को प्रभावित कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 102 महतारी एम्बुलेंस संचालन की जिम्मेदारी के लिए 2018 से 2022 तक चार टेंडर निकालकर योग्य कंपनी नहीं मिलने का हवाला देकर टेंडर निरस्त किया जाता रहा। नई ठेका कंपनी कैम्प को दे दिया गया है जो छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और शोषण को बढ़ावा देने पर आमादा है। उक्त ठेका कंपनी द्वारा 102 महतारी एंबुलेंस सेवा के संचालन हेतु कर्मचारियों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया है। उक्त विज्ञापन में 10 वर्ष अनुभवी पुराने कर्मचारियों को काम पर रखने और कितने पदों की संख्या का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। दिनांक 01/09/2023 से केम्प ठेका कंपनी द्वारा बस्तर संभाग के लोगों को रायपुर में बुलाया गया था। जहां भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने आए लोगों को बताया गया कि प्रत्येक कर्मचारी से ₹50000/- लिया जाएगा और तीन माह के परिवीक्षा अवधि पर रखा जाएगा। कार्य संतोषजनक नहीं होने पर निकाल दिया जाएगा और पैसे भी वापस नहीं किए जाएंगे। ईएमटी पद के लिए शैक्षिक योग्यता बीएससी नर्सिंग मांगा गया है, जो वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों के पास नहीं है। पूर्व सेवा प्रदाता जीवीके ईएमआरआई भारत के अधिकांश राज्यों में आपातकालीन एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली है, जिसकी सेवा शर्तें और मानक उच्च हैं। जीवीके ईएमआरआई कंपनी प्रतिवर्ष कर्मचारियों को रिफ्रेशर ट्रेनिंग देती है, जिससे कर्मचारियों के कार्य कुशलता में कमी ना आए। नई 102 महतारी एंबुलेंस सेवा प्रदाता कैम्प कंपनी द्वारा नई भर्ती प्रक्रिया का कोई औचित्य ही नहीं है। पुराने कर्मचारियों को, जो जहां कार्यरत है वहीं पर यथा स्थान नियुक्ति दिया जाना चाहिए था, लेकिन ठेका कंपनिया अड़ियल रवैया अपनायी हुई है। जिसके लिए हम दिनांक 06/09/2023 के बाद कभी भी आंदोलन मे जाने हेतु, शासन-प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग को ज्ञापन सौंप चुके हैं।
बस्तर संभाग कि लोगों को जगदलपुर में ढिमरापाल मेडिकल कॉलेज के पास 11/09/2023 को, रायपुर के भर्ती प्रक्रिया में शामिल लोगों को बुलाया गया था। जहां नगद में 50 से 80 हजार रुपए लेकर साइराम टेक्रो मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा नियुक्ति पत्र बाटा गया। सरगुजा संभाग के लोगों को अंबिकापुर के इकराम डीजल गैरेज में फोन करके बुलाया गया, फोन में अधिकारियों ने डीडी के नाम प नगद मे पैसे लेकर आने की बात कही और जब कर्मचारी वहां पहुंचे तो नगद में 30000 से 80 हजार रुपए तक की मांग की। उत्तराशि नगद में लिया जा रहा है और उसका कोई रसीद नहीं दिया जा रहा है। सेवा संचालन के लिए ठेका मिलने वाली कैंप कंपनी की भर्ती वाले विज्ञापन में साइराम टेक्रो मैनेजमेंट कंपनी का कहीं भी जिक्र नहीं है, जो धड़ल्ले से पैसा लेकर नियुक्ति पत्र बांट रही है। उक्त कंपनी पैसा लेकर घोषणा / शपथ पत्र भी भरवा रही है कि मेरे द्वारा किसी
प्रकार की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोगों के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। इन जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवाओं को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय ठेका में चलाए जाने का घोर विरोध करने वाले लोग आज छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री पदो पर आसीन है, जो स्पष्ट करे कि आप लोगों ने छत्तीसगढ़ की लाइफलाइन कहीं जाने वाली जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवाओं को व्यवसाय और भ्रष्टाचार का साधन क्यों बना दिया है?
इसी तारतम्य में 102 / 108 एंबुलेंस सेवा की महत्व व छत्तीसगढ़ की जनता की समस्या को ध्यान में रखकर, हम संवेदनशीलता का परिचय देते हुए समस्याओं के निराकरण के संदर्भ में दिनांक 11/09/2023 को माननीय उपमुख्यमंत्री / स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव जी को अपनी परेशानी और समस्याओं को अवगत करा कर निराकरण हेतु आग्रह किया गया। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री जी के द्वारा हमारी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया। 24×7 जान जोखिम में डालकर जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवा मे सेवा भाव से काम करने वाले हम कर्मचारियों की तुलना दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों से कर दिया, उक्त गैर जिम्मेदाराना बयान से हम आहत है। इसी संदर्भ में संसदीय सचिव और रायपुर पश्चिम विधायक श्री विकास उपाध्याय से मुलाकात कर समस्याओं से अवगत कराया लेकिन वहां से भी कोई समाधान नहीं मिला। हमारी समस्याओं के निराकरण हेतु संतोषप्रद जवाब भी नहीं दिया गया, जिस कारण आज के हमारे प्रेस वार्ता के पश्चात हमारे पास आंदोलन में जाने की अतिरिक्त और कोई दूसरा विकल्प शेष नहीं है।
यदि दिनांक-19/09/2023 तक हमारी उपरोक्त समस्याओं का हल नहीं होने की दशा में दिनांक 20/09/2023 से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले जाएंगे। आंदोलन के प्रथम चरण में दिनांक-21/09/2023 को मुख्यमंत्री निवास घेराव प्रस्तावित है। छत्तीसगढ़ में आपातकालीन 108 संजीवनी एंबुलेंस सेवा और 102 महतारी एंबुलेंस सेवा बाधित होने की दशा में संपूर्ण जिम्मेदारी सेवा प्रदाता ठेका कंपनियों, स्वास्थ्य विभाग और सरकार की होगी।
Indefinite agitation by 102 Mahtari Ambulance employees and 108 Sanjivani Express employees due to their problems and their non-resolution.