माहेश्वरी सभा द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी पारम्परिक पर्व गणगौर हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सभा के प्रचार प्रसार प्रभारी विष्णुकांत सारडा ने बतलाया कि आयोजन को सुचारू एवम सुव्यवस्थित बनाने हेतु विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। जिसमें :
कार्यक्रम संयोजक श्री शिवरतन जी सादानी बनाये गए है। शोभायात्रा समिति: श्री गोवर्धन झंवर, श्री सन्दीप मर्दा, श्री गोपाललाल राठी, श्री गोपीदास बागड़ी, श्री नवरतन माहेश्वरी, श्री दीपक डागा, श्री संजय रामरतन मोहता, डॉ सतीश राठी, श्री हितेश नत्थानी, श्री जितेश मोहता, श्री ऋषभ लोया, श्री ललित बागड़ी, श्री सुरजरतन मोहता, श्री राजकुमार चितलंग्या, श्री लक्ष्मीनारायण लाहोटी, श्री अनिल बजाज, श्री मनोज राठी CA, श्री शैलेन्द्र करवा, श्री राजेश मूंदड़ा, श्री सुरेश भट्टड़, श्री गोपाल बजाज रहेंगे।
प्रसाद निर्माण समिति : श्री सुशील बागड़ी,श्री नंदलाल मोहता श्री ओमप्रकाश नागोरी, श्री देवरतन बागड़ी, श्री विजय लखोटिया, श्री द्वारकादास मल, श्री विजय दम्माणी (गुड्डू), श्री रामरतन मोहता, श्री बद्री झंवर, श्री कृष्णकुमार डागा, श्री विनोद माहेश्वरी, श्री शंकर मोहता, श्री गोपीदास बागड़ी, श्री श्रीगोपाल सारड़ा, श्री सूरजभान मोहता, श्री राजेश बागड़ी श्री श्याम चांडक, श्री राजेश तापड़िया, श्री भूपेंद्र करवा हैं।
पूजा व्यवस्था समिति : श्री गोवर्धन झंवर, श्रीमती मधुरिका नत्थानी, श्रीमती रमा मल, श्रीमती मधु राठी हैं।
स्टेज सजावट समिति : माहेश्वरी महिला समिति, माहेश्वरी युवा मण्डल महिला समिति।
प्रसाद वितरण समिति : माहेश्वरी महिला समिति : श्रीमती रमा मल (अध्यक्षा), श्रीमती मधु राठी (सचिव) एवम समस्त सदस्याएं, माहेश्वरी युवा मंडल : श्री नीलेश मूंधड़ा (अध्यक्ष) श्री जयंत मोहता (सचिव) एवम समस्त सदस्य, माहेश्वरी युवा मण्डल महिला समिति : श्रीमती सीमा नत्थानी (अध्यक्षा) श्रीमती मीनाक्षी मूंधड़ा (सचिव) एवँ समस्त सदस्याएं, माहेश्वरी सभा के एवम उपरोक्त समितियों के समस्त कार्यकारिणी सदस्य, एवम सदस्यों का सक्रिय सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
सभा के अध्यक्ष श्री संपत जी काबरा ने बतलाया कि गणगौर पर्व राजस्थान का पारंपरिक गौरवशाली पर्व है। होलिका दहन के दूसरे दिवस से प्रारंभ हो कर चैत्र सूद तीज तक मनाये जाने वाला यह महापर्व एक महोत्सव रूप में संपूर्ण भारतवर्ष में राजस्थानी संस्कृति की अपनी अनूठी छटा बिखेरता है। पारिवारिक व सामाजिक दृष्टि से भी यह पर्व महत्वपूर्ण है। अखण्ड सौभाग्य की मंगलकामनाओं के साथ मनाए जाने वाले इस पर्व में माता गवरा जी (पार्वती जी) एवँ ईसर जी (आराध्य भगवान शिव जी) की पूजा अर्चना की जाती है। माता की बाड़ी यानी जवारे बोए जाने वाला स्थान पर नित्य पूजा एवम गीत गाए जाते हैं।
सभा के सचिव श्री कमल जी राठी (एडवोकेट) ने आगे बतलाया कि माहेश्वरी सभा द्वारा माता गवरजा जी की शोभायात्रा : 24 मार्च, शुक्रवार को गोपाल मंदिर सदर बाजार से शाम 7.00 बजे से प्रारंभ होगी। शोभ यात्रा हेतु माता गणगौर जी एवं ईसर जी (भगवान शिव जी) की आकर्षक झांकी का निर्माण किया जा रहा है। शोभायात्रा में समाज के सदस्य पारंपरिक वेशभूषा के प्रदर्शन के साथ ही गणगौर के पारंपरिक लोकगीतों का गायन भी करेंगे। उन्होंने बतलाया कि इसी कड़ी में गवरजा जी की प्रसाद (गोठ) : 25 मार्च शनिवार को , श्री माहेश्वरी भवन, डूंडा में, शाम 7.00 बजे प्रारंभ होगी।
उक्ताशय की जानकारी माहेश्वरी सभा के प्रचार प्रसार प्रभारी विष्णुकांत सारडा ने प्रेस विज्ञप्ति में दी।
गणगौर महोत्सव हेतु रंगारंग तैयारियां प्रारम्भविभिन्न सहयोगी समितियों का गठन
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