संभाग स्तरीय न्याय यात्रा में जुटे हजारों कर्मचारी
सरकार की वादा खिलाफी से है नाराज
अपनी व्यथा बताने बैल बनकर किया प्रदर्शन
बस्तर :खबर की आमुख पंक्ति छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारियों की कहानी बयां कर रही है। ऐसा हम इस लिए कह रहे है चूकि 24 दिसंबर को संभाग मुख्यालय जगदलपुर में बस्तर, कोंडागांव, नारायपुर,कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में काम करने मनरेगा कर्मचारियों ने बैल और बैलगाड़ी के माध्यम से अनोखा प्रदर्शन किया। केबिनेट मंत्री श्री कवासी लखमा द्वारा हड़ताल स्थगन के 6 माह बीत जाने के बाद भी इनके हड़ताल अवधि का रुका हुआ वेतन अप्राप्त है वहीं इनकी दो सूत्रीय मांगे क्रमशः रोजगार सहायक का ग्रेड पे निर्धारण और जब तक नियमितिकरण नहीं किया जाता तब तक समस्त मनरेगा कर्मियों को पंचायतकर्मी का दर्जा देने की मांग भी पूरी नहीं की गई है। इन कर्मचारियों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है।
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष अशोक कुर्रे ने बताया कि कांग्रेस की जनघोषणा पत्र 2018 में किए गए नियमितिकरण के वादे पर 4 साल बीत जाने के बाद भी आजपर्यंत कोई कार्यवाही नहीं की गई है। आला अफसर कमेटी और पत्राचार का खेल खेल रहे है।
कार्यकारी अध्यक्ष राधेष्याम कुर्रें ने बताया कि 15 वर्षों से रोजगार सहायक सेवा देने के बाद भी 6 हजार अल्प वेतनमान, बिना किसी सामाजिक सुरक्षा और कभी भी नौकरी से निकाले जाने के भय से मानसिक रूप से संघर्ष करते आ रहे हैं।
प्रांतीय मीडिया प्रभारी सूरज सिंह ठाकुर ने बताया कि इस सरकार में 4 साल में वेतन में फुटी कौड़ी वृद्धि नहीं की गई इसके विपरित दिन प्रतिदिन राज्य शासन की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं का भार हम कर्मचारियों पर जरूर बढ़ता गया।
संभाग अध्यक्ष सुश्री सारिका देवांगन ने बताया कि सरकार ने हमारी मांगों को अनसुना किया है , जिसे याद दिलाने के लिए संभाग स्तर पर न्याय यात्रा निकाले हैं। इस न्याय यात्रा में संभाग के 7 जिलों के लगभग एक हजार मनरेगाकर्मी शामिल हुए।
न्याय यात्रा में जिला अध्यक्ष बस्तर इंद्रजीत शाक्य , कोंडागांव सारिका देवांगन, नारायणपुर देवांगन जी, कांकेर बालकृष्ण बंजारे, दंतेवाड़ा राकेश कश्यप, सुकमा ku दीपा कश्यप और बीजापुर प्रशांत यादव के नेतृत्व में हजारों मनरेगा कर्मियों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया।