रायपुर : राज्य सरकार प्रदेश के संविदा और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी में है। शासन स्तर पर इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने 30 सितंबर को सभी विभागों को पत्र लिखकर सभी अनियमित और संविदा कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। पूरा डेटा मिलने के तुरंत बाद वित्त विभाग आंकलन करेगा कि अगर नियमित करने का फैसला लिया जाता है, तो इससे शासन पर कितना वित्तीय भार आएगा। हालांकि सूत्रों के मुताबिक 45 हजार कर्मचारियों को नियमित करने पर शासन ने 700-800 करोड़ रुपए साल का ही भार आने वाला है।
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। सूत्रों के मुताबिक इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार इस साल दिसंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी कर लेगी और जनवरी-फरवरी (चुनावी साल) में इसकी घोषणा की जा सकती है। हालांकि आला अफसर अभी इस मामले में खामोश हैं। भास्कर ने वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग के आला अफसरों से बात की, लेकिन किसी ने इस मामले में टिप्पणी से मना किया। हालांकि यह जरूरी कहा कि संविदा और अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है।
राजस्थान एवं ओडीसा ने हाल में किया
राजस्थान सरकार ने 21 अक्टूबर को आदेश जारी कर 30 हजार संविदाकर्मियों को नियमित कर दिया। इनमें पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पाराशिक्षक के पद शामिल हैं। तीनों को अब शुरुआत में 10,400 रुपए वेतन मिलेगा। ओडीसा सरकार ने भी राज्य के सभी अनियमित एवंं संविदा कर्मियों को नियमित करने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी कांग्रेस ने चुनावी घोषणा-पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। अशोक गहलोत सरकार ने दिवाली के पहले यह सौगात दी है।