Monday, December 23, 2024

हाथरस कांड में जांच तेज,हादसे की परतें खोलेगी पुलिस

हाथरस कांड में 123 मौत के बाद जांच में तेजी दिख रही हैं। भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ साकार हरि की संस्था (मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति से जुड़े 79 सेवादार पुलिस रडार पर है। सभी खंगाली कुंडली पुलिस की तरफ से खंगाली जा रही हैं। इनमें ज्यादातर सेवादार एटा, शिकोहाबाद, मैनपुरी, जलेसर, अवागढ़ आदि से ताल्लुक रखने वाले है।
अभी तक 11 की गिरफ्तारी को गई है बाकी फरार हैं। इन फरार लोगों के वारंट अदालत से लेने का पुलिस का प्लान हैं। साथ ही घटना का सच उगलवाने के लिए गिरफ्तार लोगों को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।जांच टीम से जुड़े सूत्रों की मानें तो कुल 79 लोग आयोजन समिति में हैं। इनमें से मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका हैं। अभी तक मौके के गवाहों और लोगों से बातचीत के आधार पर जांच की जा रही हैं। जिसमें सामने आ रहा है कि बाबा के चरणों की रज लेने के फरमान के बाद भक्तों में होड़ लगी थी और भगदड़ मचने से हादसा हुआ।
कभी भी अदालत में दस्तक देगी पुलिसनियम के मुताबिक गिरफ्तारी के 40 दिन के भीतर ही रिमांड लिया जा सकता है। ऐसे में जांच टीम देरी करने के मूड में में नहीं हैं। वह रिमांड लेने को कभी भी अदालत में दस्तक दे सकती है। साथ ही 79 में से बचे बाकी 68 की तलाश तेज कर दी हैं।जांच टीम के सूत्रों की मानें तो काफी नाम उनको पता टल गए हैं । एक बार फाइनल तौर पर कन्फर्म करने का काम चल रहा हैं। उसके बाद गिरफ्तारी की जाएगी। अगर जांच टीम के हाथ ये लोग नहीं आए तोफिर उनकी फरार घोषित कराकर अदालत से उनके गैर जमानती वारंट लिए जाएंगे।

79 में से बचे 68 की गिरफ्तारी के लिए सोमवार को भी पुलिस ने कई जगह दबिश दी। पुलिस खंगाल रही तथ्यहाथरस कांड को आश्चर्य इस बात का है कि भगदड़ के बाद जांच एजेंसी और पुलिस को पूरे घटनाक्रम का कोई भी वीडियो फुटेज नहीं मिला हैं। जबकि आजकल छोटे छोटे आयोजन के वीडियो सामने आ जाते हैं। जांच टीम को जो छोटे छोटे वीडियो मिले भी है वह वह में जीटी रोड पर वाहनों में सवार होकर जाते लोगों के हैं। क्यों नहीं सत्संग पंडाल के भीतर की मिल रही वीडियो?सिर्फ एक वीडियो ऐसा जरूर आया है जिसमें बाबा का काफिला भीड़ से होकर तेजी से निकला है और बाइक सवार सिक्योरिटी गार्ड पीछे जा रहे हैं।लेकिन भगदड़ में मौतों का कोई वीडियो नहीं है।

एक पुलिस अफसर की मानें तो इस सबके पीछे की मूल वजह यही है कि बाबा के आयोजन में लोगों को मोबाइल-कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं होती थी। ताकि लोग वहां की किसी हरकत या गतिविधि को कैद न कर लें। माना जा रहा है कि इसी वजह से पुलिस-प्रशासन को भी सत्संग पंडाल में अंदर जाने की अनुमति नहीं होती थी।

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