रायपुर . केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित तौर पर 2 हजार करोड़ रुपए की आबकारी गड़बड़ी में गिरफ्तार लोगों की प्रॉपर्टी अटैच करनी शुरू कर दी है।
इस मामले में ईडी ने अब तक जिले में 21 करोड़ रुपए के प्लॉट अटैच किए हैं, जिनमें से अधिकांश वीआईपी रोड के आसपास तथा नवा रायपुर के हैं। एक प्रॉपर्टी मुंबई में भी अटैच की गई है।
वहां छापे में एक करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट के लूज पेपर्स भी मिलें हैं। इसके अलावा ईडी की छापेमारी में अब तक 28 करोड़ रुपए के जेवर और 27 करोड़ रुपए के फिक्स डिपाजिट भी जब्त किए गए हैं।
ईडी का दावा है कि जेवर एक ही डिस्टिलर के यहां से मिले हैं। इसके अलावा एक आरोपी के घर से 20 लाख रुपए का कैश मिला है। जिसका ईडी ने दस्तावेजों में उल्लेख किया है। शराब मामले में जितने लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है, उनमें सब मिलाकर लगभग 53 एकड़ जमीन अटैच कर दी गई है।
ईडी ने शराब मामले को लेकर कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों में आरोप लगाया है कि पूरी व्यवस्था में चार तरीकों से की गई कमाई प्रॉपर्टी के अलावा कई तरह से इन्वेस्ट की गई है। रायपुर में प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट ज्वाइंट वेंचर (जेवी) के नाम से किया गया है। इसके अलावा इसी मामले में एक आरोपी के 27.5 करोड़ रुपए की फिक्स डिपाजिट फ्रीज किए गए हैं।
ईडी का दावा है कि सभी एफडी उसी समय के हैं, जिस दरमियान शराब में गड़बड़ी की गई। इसके अलावा शराब कारोबारियों के घर छापों में 28 करोड़ के जेवर भी मिले हैं। इसे भी जब्त किया गया है।
हालांकि ईडी ने सोमवार को कार्रवाई को लेकर प्रेस नोट जारी किया, जिसमें बताया गया कि रायपुर, भिलाई, मुंबई के अलावा अलग-अलग जगह ईडी की जांच चल रही है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने रिमांड खत्म होने पर सीएसएमसीएल के एमडी और विशेष सचिव आबकारी अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, नीतेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू को कोर्ट पेश किया।
ईडी ने कोर्ट में चारों से पूछताछ के लिए अलग-अलग रिमांड मांगी और कहा कि आरोपियों से जब्त मोबाइल की जांच तथा इसमें मिले चैट के बारे में पूछताछ जरूरी है।
कोर्ट ने चारों को 19 मई तक 4 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया है। हालांकि बचाव पक्ष ने सोमवार को भी रिमांड का विरोध किया।