छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-नवंबर के मध्य विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता अपना-अपना चुनावी लॉबी शुरू कर दिये हैं। बड़े नेताओं को जहां टिकट नहीं कटने का भरोसा लग रहा है। वहीं कार्यकर्ताओं को उम्मीद बंधी हुई है। कहीं इस विधानसभा चुनाव से उनकी किस्मत के सितारे बुलंद हो जायें। तो सब कुछ बल्ले-बल्ले हो जाये।
इस बीच राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पिछले 15 साल सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी अभी प्रदेश में कमजोर स्थिति में है। जिससे उबरने का हर संभव प्रयास करेगी। कई सीनियर नेताओं के चेहरे से रंगत उड़ने शुरू हो गये हैं। तो वहीं कई नये चेहरों की चमक बढ़ गई है।
आने वाला विधानसभा चुनाव बीजेपी छत्तीसगढ़ में एकदम नये अंदाज में लड़ने की तैयारी में है। छत्तीसगढ़ ही एकमात्र राज्य है जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। इसलिए भी यह भाजपा के लिए खास होगा। भाजपा चाहेगी कांगेस के किला फतह कर अपना परचम लहराये।
इसके लिए भाजपा की रणनीति बननी शुरू हो गई है। इस बीच राजनीतिक सूत्रों से खबर आ रही है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी 5-7 दौरे कर सकते हैं। वहीं कई कद्दावर नेताओं के छत्तीसगढ़ दौरा रणनीति का प्रमुख केन्द्र हो सकता है। भाजपा प्रदेश के 90 में से 90 चेहरे बदलने के फिराक में है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो, पार्टी में अंतकर्लह घर करते जा रही है। साथ ही कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। जिसका नतीजा 2018 विधानसभा चुनाव में पार्टी को भुगतना पड़ा है। पार्टी वहीं गलती दोबारा नहीं करना चाह रही है। प्रदेश बीजेपी नेताओं को फिलहाल अभी यहीं लग रहा है कि हारे हुये चेहरे ही बस बदले जा जाएंगे।
इसके लिए भाजपा की रणनीति बननी शुरू हो गई है। इस बीच राजनीतिक सूत्रों से खबर आ रही है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी 5-7 दौरे कर सकते हैं। वहीं कई कद्दावर नेताओं के छत्तीसगढ़ दौरा रणनीति का प्रमुख केन्द्र हो सकता है।