रायपुर। कांग्रेस की जन अधिकार रैली में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित सभी कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर में कहा, राज्यपाल आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं ताे उसकाे या ताे विधानसभा काे लौटा दें, नहीं तो राष्ट्रपति काे भेज दें। सीएम ने ताे भाजपा और केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा और कहा, हमारी सरकार किसी वर्ग के साथ अन्याय नहीं करेगी। हमने सभी वर्गों के हितों का ख्याल रखते हैं। हमने विधानसभा में आरक्षण विधेयक मंजूर किया है, पर महीना बदल गया, साल बदल गया, लेकिन राज्यपाल ना तो हस्ताक्षर कर रही हैं, ना ही विधानसभा को विधेयक को लौटा रही हैं। राजभवन अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहा है।
साइंस कॉलेज के मैदान में हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों की सभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, केंद्र सरकार रोजगार छीन रही है, आरक्षण छीन रही है, सार्वजनिक उपक्रमों को छीनने का काम कर रही है। एक तरफ केंद्र सरकार रोजगार नहीं दे रही है, दूसरी तरफ हमारी प्रदेश की सरकार यहां से युवाओं को रोजगार देना चाहती है और इसके लिए आरक्षण विधेयक विधानसभा में मंजूर कर दिया गया है तो इसको भाजपा ने राजभवन में रुकवाने का काम किया है। श्री बघेल ने कहा, भाजपा आरक्षण विरोधी है। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा, ‘लड़ेंगे और जीतेंगे का नारा भी लगवाया।
कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने कहा, आरक्षण काे लेकर एक पहल हमारी कांग्रेस की सरकार ने की और विधेयक पारित किया। लेकिन इसको रोकने की राजनीति भाजपा कर रही है। एक तरफ भाजपा के विधायक विधानसभा में विधेयक का समर्थन करते हैं, दूसरी तरफ बाहर में इसका विरोध कर रहे हैं। भाजपा के दो चेहरे सबके सामने हैं। आरक्षण पर निम्न स्तर की राजनीति करके विधेयक को रोकने का काम हो रहा है। राज्यपाल का काम विधेयक पर हस्ताक्षर करना है, सवाल पूछना नहीं। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा, महात्मा गांधी की तरह वे भी यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में अब हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा करने वाले हैं।
भाजपा ले रही जनता से बदला: मरकाम
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम कहा, भाजपा आरक्षण के नाम पर जनता से बदला ले रही है। उन्होंने कहा, जनता ने भाजपा को पिछले चुनाव में 14 सीटें पर ला दिया था, इसलिए वह आरक्षण को लागू होने नहीं दे रही है। भाजपा का गुप्त एजेंडा आरक्षण को समाप्त करना है। भाजपा संविधान की विरोधी है। भाजपा जनता का अधिकार समाप्त करना चाहती है, उसके बारे में गांव-गांव में जाकर बताना है। भाजपा ने धर्म के नाम पर बस्तर में आग लगाने का काम किया है। उन्होंने कहा भाजपा का दोहरा चरित्र है, विधानसभा में कुछ कहते हैं और बाहर कुछ कहते हैं।
सिंहदेव बाेले- राज्यपाल निर्णय नहीं कर पा रही है तो पद त्याग दें
प्रदेश के मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, कांग्रेस जनता की आवाज बनकर काम कर रही है, लेकिन भाजपा जनता की आवाज दबाना चाहती है। श्री सिंहदेव ने कहा, आरक्षण हम लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा आज मेरे स्वास्थ्य विभाग में ही 20 हजार भर्तियां रुकी हुईं हैं। हर विभाग में भर्तियां आरक्षण के कारण रुकी हैं। हमारी सरकार ने विधेयक लाकर राज्यपाल को भेजा है तो उनको इस पर हस्ताक्षर करने चाहिए। अगर वह इस पर कोई निर्णय नहीं ले पा रही है तो उनका अपना पद त्याग देना चाहिए।
राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल
सभी के बीच में ही राज्य सरकार के मंत्रियों सहित पीसीसी चीफ मोहन मरकाम राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिले। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से विधेयक पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया। श्री मरकाम ने आरक्षण विधेयक पर त्वरित निर्णय लिए जाने का आग्रह किया है। इस पर राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि जल्द निर्णय लेंगी, लेकिन कोई समय सीमा नहीं बताई गई है। मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, राज्यपाल या तो विधेयक को वापस कर दें या उसे मंजूरी दें, या फिर उसे रखी रहें, ये तीनों विकल्प राज्यपाल के पास हैं। मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, क्वांटिफिएबल डाटा के आधार पर हमने विधेयक पारित कराया है। राज्यपाल से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द मंजूरी दे दें। प्रतिनिधि मंडल में मंत्री टीएस सिंहदेव, रविंद्र चौबे, मो. अकबर, ताम्रध्वज साहू, कवासी लखमा, अमरजीत भगत, उमेश पटेल, अनीला भेड़िया, गुरु रुद्र कुमार, जयसिंह अग्रवाल, प्रेमसाय सिंह टेकाम, शिव डहरिया शामिल थे।
भाजपा ने महारैली को बताया महाफ्लॉप
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस की जन अधिकार रैली को पूरी तरीके से महाफ्लॉप बताते हुए कहा, जब मुख्यमंत्री भाषण दे रहे हैं तब 75 फीसदी कुर्सियां खाली रही। कांग्रेस के नेता मंच से भाषण दे रहे थे और 25 प्रतिशत कुर्सियों पर बैठे हुए लोग भी जत्थे के रूप में बाहर जा रहे थे। जनता ने कांग्रेस को आइना दिखा दिया है। श्री साव ने कहा, कांग्रेस ने पूरा शासन-प्रशासन झोंक दिया लेकिन फिर भी लोग नहीं जुटा पाए क्योंकि आरक्षण पर कांग्रेस की बदनीयती को जनता समझ चुकी है सभी यह जानते हैं कि कांग्रेस ही आरक्षण विरोधी है। कांग्रेस जानबूझकर आरक्षण को लटकाने के काम कर रही है और मंच से भाषणों में अपने आप को आरक्षण की पक्षधर बताती है जबकि राजभवन के सामान्य से सवालों के जवाब नहीं दे रही है।