Monday, December 23, 2024

क्रिसमस का पर्व पूरे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

नयी दिल्ली. क्रिसमस का त्योहार रविवार को देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर विशेष प्रार्थना के लिए गिरजाघरों में लोगों की भारी भीड़ देखी गई. कोविड महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में त्योहार का जश्न प्रभावित हुआ था लेकिन इस बार लोगों ने पूरे उत्साह के साथ इस त्योहार का जश्न मनाया.

छत्तीसगढ़ में, हजारों लोग जशपुर के ‘कैथेड्रल आॅफ आॅवर लेडी आॅफ द रोजरी’ में एकत्र हुए. जशपुर के कुनकुरी शहर में स्थित चर्च में लगभग 10,000 लोगों के समायोजित करने की क्षमता है. राजधानी रायपुर और राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में गिरजाघरों को रोशनी और ‘क्रिसमस ट्री’ से सजाया गया था. नगालैंड में घरों, सार्वजनिक भवनों और इमारतों को शानदार ढंग से सजाया गया था. लोगों ने इस मौके पर गिरजाघरों में प्रार्थनाएं की और आतिशबाजी की.

अन्य धर्मों के लोगों ने भी अपने ईसाई मित्रों के साथ यह पर्व मनाया. गोवा में स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने आधी रात को सामूहिक प्रार्थना सभाओं के जरिये क्रिसमस के जश्न की शुरुआत की. इस दौरान, तटों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए.

गोवा में क्रिसमस का जश्न शनिवार को रात लगभग 11 बजे से विभिन्न गिरजाघरों एवं अन्य स्थानों पर शुरू हुआ, जो रविवार तड़के तक चला. मध्य रात्रि को पारंपरिक परिधान पहने लोगों ने ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया. गोवा की आबादी में ईसाइयों की हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है. कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद राज्य में यह पहला क्रिसमस है, जो बिना किसी पाबंदियों के मनाया गया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं और कामना की कि यह विशेष दिन समाज में सद्भाव व आनंद को और मजबूत करे. मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘क्रिसमस की शुभकामनाएं! यह विशेष दिन हमारे समाज में सद्भाव और आनंद की भावना को आगे बढ़ाए. हम प्रभु ईसा मसीह के आदर्श विचारों और समाज की सेवा पर जोर दिए जाने को याद करते हैं.’’

केरल में ईसाई समुदाय ने धूमधाम से क्रिसमस का त्योहार मनाया, जिसमें कुछ वरिष्ठ बिशप और पादरियों ने विंिझजम में मध्यरात्रि की प्रार्थना सभा में मछुआरों की दुर्दशा, बफर जोन और राज्य में सांप्रदायिक गतिविधियों जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला. उत्सव आधी रात की सामूहिक प्रार्थना के साथ शुरू हुआ, जो राज्य भर के गिरजाघरों में आयोजित की गई, जहां बिशप और पादरियों ने अपनी-अपनी सभाओं को क्रिसमस का संदेश दिया.

राज्य की राजधानी में सिरो मालंकारा कैथोलिक चर्च के सेंट मैरी कैथेड्रल में कार्डिनल मार बेसेलियोस क्लीमिस ने मध्य रात्रि की प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया, वहीं सिरो मालाबार कैथोलिक चर्च के कार्डिनल मार जॉर्ज एलनचेरी ने कोच्चि में प्रार्थना सभा का संचालन किया.

एलनचेरी ने अपने क्रिसमस संदेश में कहा कि अगर लोग सांप्रदायिकता के आगे घुटने टेक दें और एक-दूसरे से दूर रहें, तो ‘‘इससे उन्हें ही नुकसान होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को एकजुट और सद्भाव में एक साथ खड़े होना है.’’ राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी संख्या में लोगों ने गिरजाघरों में आकर प्रार्थना की. गिरजाघर रोशनी से जगमगा रहे थे.

इस साल हालांकि कोविड के मामलों की संख्या कम है लेकिन चीन समेत दुनिया के कुछ अन्य देशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई है. ज्यादातर गिरजाघरों ने लोगों से मास्क पहनने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया.
दिल्ली स्थित ‘रोमन कैथोलिक आर्चडायोसिस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस बार लोगों की संख्या पिछले साल के मुकाबले दोगुनी थी. पिछले दो वर्षों की तरह कोई कठोर प्रतिबंध नहीं हैं. हालांकि, हमने लोगों से मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह किया है, क्योंकि कुछ देशों में मामले बढ़ रहे हैं.”

मध्य प्रदेश के लोगों ने पारंपरिक उत्साह के साथ प्रार्थना सभा और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करके क्रिसमस का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर महू शहर में आधी रात को पटाखे भी फोड़े गए. राज्य के कई हिस्सों में सांता क्लॉज की वेशभूषा में सजे कुछ लोग बच्चों को उपहार बांटते देखे गए. वहीं, गिरजाघरों को भी उत्सव के लिए सजाया-संवारा गया था.

भोपाल में जहांगीराबाद इलाके में स्थित सेंट फ्रांसिस कैथेड्रल चर्च सहित अन्य गिरजाघरों में शनिवार रात को लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भी क्रिसमस का जश्न मनाया गया. पूरे गुजरात में ईसाई समुदाय के सदस्यों ने क्रिसमस के अवसर पर प्रार्थना की और मध्यरात्रि की प्रार्थना में हिस्सा लिया. इस अवसर पर गिरजाघर, मॉल और अन्य इमारतें रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर नजर आए.

बड़ी संख्या में लोग एक-दूसरे को बधाई देने के लिए निकले और कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर जाकर उत्सव में हिस्सा लिया तथा उपहारों का आदान-प्रदान किया. यह क्रम शनिवार देर रात से शुरू होकर रविवार को भी जारी रहा. अहमदाबाद और अन्य स्थानों में चर्च, मॉल, अन्य इमारतों और घरों को रोशनी, रंग-बिरंगे तोरण और क्रिसमस ट्री से सजाया गया. उत्तर प्रदेश में, हजरतगंज इलाके में क्रिसमस का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. ‘सेंट जोसेफ कैथेड्रल’ में आधी रात को प्रार्थना करने के लिए लोग उमड़ पड़े और मोमबत्तियां जलाईं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लोगों को क्रिसमस की बधाई दी और उनसे कोविड-19 के मद्देनजर सभी सावधानियां बरतने की अपील की. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मध्यरात्रि की प्रार्थना में शामिल हुई और यहां सेंट पॉल कैथेड्रल में क्रिसमस कैरोल में भाग लिया. बनर्जी अपने भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ गिरजाघर परिसर में पहुंची और आर्कबिशप का आशीर्वाद लिया.

असम में क्रिसमस का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और शांति एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना की गयी. इस अवसर पर सभी धर्मों के लोगों ने अपने ईसाई मित्रों के साथ त्योहार मनाया और आधी रात के समय सामूहिक प्रार्थना सभाओं के लिए गिरजाघरों में भीड़ देखी गई. गिरजाघरों को विशेष रूप से सजाया गया था, जिसमें रोशनी और ईसा मसीह के जन्म को दर्शाने वाले दृश्य शामिल थे.

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